खाटू श्याम आरती
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
खाटू धाम विराजत,
अनुपम रूप धरे॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
रतन जड़ित सिंहासन,
सिर पर चंवर ढुरे ।
तन केसरिया बागो,
कुण्डल श्रवण पड़े ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
गल पुष्पों की माला,
सिर पार मुकुट धरे ।
खेवत धूप अग्नि पर,
दीपक ज्योति जले ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
मोदक खीर चूरमा,
सुवरण थाल भरे ।
सेवक भोग लगावत,
सेवा नित्य करे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
झांझ कटोरा और घडियावल,
शंख मृदंग घुरे ।
भक्त आरती गावे,
जय-जयकार करे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
जो ध्यावे फल पावे,
सब दुःख से उबरे ।
सेवक जन निज मुख से,
श्री श्याम-श्याम उचरे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
श्री श्याम बिहारी जी की आरती,
जो कोई नर गावे ।
कहत भक्त-जन,
मनवांछित फल पावे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
जय श्री श्याम हरे,
बाबा जी श्री श्याम हरे ।
निज भक्तों के तुमने,
पूरण काज करे ॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे।
खाटू धाम विराजत,
अनुपम रूप धरे॥
ॐ जय श्री श्याम हरे,
बाबा जय श्री श्याम हरे ।
परिचय:
राजस्थान के प्रमुख धारोहर में से एक है खाटू श्याम जी का मंदिर। इस मंदिर का संबंध श्री कृष्ण के साथ है, जिन्हें खाटू श्याम जी के रूप में पूजा जाता है। खाटू श्याम आरती इस अद्वितीय स्थल की भक्ति में भक्तों की भगवान से मिलने की आकांक्षा को उत्तेजना है। इस ब्लॉग में, हम जानेंगे खाटू श्याम आरती की महत्ता और इसमें छुपे अद्वितीयता को।
खाटू श्याम मंदिर:
खाटू श्याम जी का मंदिर राजस्थान के सिकर जिले में स्थित है और यह एक ऐतिहासिक स्थल है जिसे हजारों भक्तों ने अपना स्थान बनाया है। मंदिर में श्री कृष्ण के खाटू रूप की मूर्ति है जिसे खाटू श्याम जी कहा जाता है। यहां वार्षिक यात्रा, रासलीला, और आराधना के अद्वितीय आयोजन होते हैं।
खाटू श्याम जी:
खाटू श्याम जी को भगवान कृष्ण के अवतार के रूप में पूजा जाता है। वे विशेष रूप से राजस्थान के खाटू गाँव में पूजे जाते हैं और भक्तों के बीच एक अद्वितीय संबंध का प्रतीक हैं। खाटू श्याम जी के भक्त उन्हें ‘बाबा’ भी कहकर पुकारते हैं, जिन्हें वे अपने परिवार के सदस्य की भावना से समझते हैं।
खाटू श्याम आरती का महत्त्व:
खाटू श्याम आरती का गाना भक्तों को दिव्यता के साथ भगवान के समीप ले जाता है। इसके माध्यम से भक्त अपनी श्रद्धांजलि और भक्ति की भावना को अभिव्यक्त करते हैं और भगवान के दिव्य लीलाओं का स्मरण करते हैं। यह आरती खाटू श्याम जी के साथ भक्तों के बीच एक विशेष सम्बंध की भावना को स्थापित करती है और उन्हें सुख, शांति, और समृद्धि की प्राप्ति में मदद करती है।
खाटू श्याम आरती के पंक्तियां:
खाटू श्याम आरती के सुंदर शब्द और शांत स्वरों में भक्तिभावना को सुरक्षित करते हैं। इस आरती में खाटू श्याम जी की अनंत भक्ति, कृपा, और दयालुता का स्वरूप चित्रित होता है। भक्त इस आरती के द्वारा अपने मन को शांत करते हैं और भगवान की आशीर्वाद से जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता की कामना करते हैं।
निष्कर्ष:
खाटू श्याम आरती एक विशेष तरीके से भगवान कृष्ण के प्रति भक्ति और समर्पण की भावना को उत्कृष्ट करती है। इसके माध्यम से भक्त अपने जीवन को दिव्यता, प्रेम, और सहानुभूति के साथ भरते हैं और खाटू श्याम जी के साथ अनुभव करते हैं। यह आरती भक्तों को उच्च स्तर की आध्यात्मिकता और भक्ति की दिशा में मार्गदर्शन करती है और उन्हें अपने दैहिक, मानसिक, और आध्यात्मिक विकास की ओर बढ़ने में सहायक होती है।